सरस्वती कन्या महाविद्यालय की स्थापना महाविद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष श्री मुरारी सिंह चौहान तथा प्रबंधक श्री राजकुमार चौहान (अधिवक्ता) के सद्प्रयासो से गत वर्ष सन २०१३ में ग्राम सरकथल तह- टांडा, जनपद रामपुर (उ प्र) के ग्रामीण अंचल में की गयी है | यह महाविद्यालय मुख्या सड़क मुरादाबाद - बाजपुर के मध्य टांडा से लगभग 7 कि. मी. दूर सरकथल के मुख्या चौराहे पर स्थित है | महाविद्यालय का परिसर स्थल स्वाच एवं प्रदुषण मुक्त है |
इस छेत्र में कन्या डिग्री कॉलेज न होने के कारण छात्राओ को अध्यन करने के के लिए काफी दूर तक जाना पड़ता था| और माता पिता भी घर से दूर छात्राओ को भेजने के लिए तैयार नहीं होते थे | इसी समस्या को देखते हुए हमने इसी छेत्र में एक कन्या महाविद्यालय का निर्माण किआ है| जहाँ पर छात्राए अपने सपनो को साकार कर सकती है | और पुरुषो से कंधो से कन्धा मिलकर चल सकती है | जहाँ महिला अध्यापिकाओ द्वारा छात्राओ को उच्च शिक्षा प्रदान की जाएगी | ऐसा हमारा हमेशा प्रयास रहेगा

सरस्वती वंदना-

या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना। या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा ॥ सरस्वती वंदना गीत- वर दे, वीणावादिनि वर दे ! प्रिय स्वतंत्र-रव अमृत-मंत्र नव भारत में भर दे ! काट अंध-उर के बंधन-स्तर बहा जननि, ज्योतिर्मय निर्झर; कलुष-भेद-तम हर प्रकाश भर जगमग जग कर दे ! नव गति, नव लय, ताल-छंद नव नवल कंठ, नव जलद-मन्द्ररव; नव नभ के नव विहग-वृंद को नव पर, नव स्वर दे ! वर दे, वीणावादिनि वर दे। – सूर्यकांत त्रिपाठी “निराला

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